Tuesday, 4 November 2014

हे सतगुरु, हे पिता दयारे

हे सतगुरु, हे पिता दयारे,
मैं हूँ बाल तुम्हारा प्यारे I

छोटा बाल उमरिया छोटी,
तुम्हें न जानूँ बुद्धि मोटी I
दया करी तुमने अपनाया,
दीन जान मोहे चरण लगाया I

आब यह दान देओ मोहे दाता,
हरदम राखो अपने साथा I
ऐसी कोई सेवा बन आवे,
सुखी हों सब तुम्हरे मन भावे I

हे सतगुरु, ......

No comments:

Post a Comment