Sunday, 9 November 2014

दिल की धड़कन में है क्या राज़, हमें क्या मालूम

दिल की धड़कन में है क्या राज़, हमें क्या मालूम,
किसकी आती है ये आवाज़, हमें क्या मालूम ?

नालों पर तोल रहा है कोई चुपके-चुपके,
कौन है माइले-परवाज़, हमें क्या मालूम ?

तायरे-दिल ये कफ़स छोड़ के उड़ जाएगा,
घात में है कोई शाहबाज़, हमें क्या मालूम?

दूर तक कोई नहीं है, है बस इक जां तनहा,
साथ देगा कोई हम-साज़ हमें क्या मालूम ?

गीत बन-बन के उभर आए हैं शोले दिल के,
किस तरह सोज़ बना साज़, हमें क्या मालूम ?

है ये अंदाज़े-सुखन दिल से हो बातें दिल की,
और भी है कोई अंदाज़, हमें क्या मालूम ?

क्या कहा गुल ने कि शबनम के भर आये आंसू,
हुस्ने-मासूम के ये राज़, हमें क्या मालूम ?

ये तो मालूम है क्यों घर में उजाला है आज,
कौन है जलवगरे नाज़, हमें क्या मालूम ?

दिल सराबोर है शोलों में बहा कर 'दरवेश',
हो न ये इश्क का आगाज़, हमें क्या मालूम ?

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