ज़ाहिर था वो होंगे न अपने,
फिर भी उनसे प्यार किया I
उनसे बिछुड़ कर उनकी खातिर,
जीने का इकरार किया I
देखा था किस शोख अदा से,
सोई उम्मीद जाग उठी I
अब ये फेरी नज़रें कैसी,
जीने से बेज़ार किया I
यूँ तो हकीकत साफ अयां थी,
प्यार के झूठे वादों की I
दिल ने, लेकिन एक न मानी,
उन पे यकीं सौ बार किया I
याद में उनके नींद कहाँ थी,
तारे गिन गिन रात कटी I
आपस में इक पल मिलने को,
पलकों ने इंकार किया I
दुनिया में 'दरवेश' न जाने,
किसकी तमन्ना ले आई I
भटकाया दर दर ले जाकर,
कूचे कूचे ख्वार किया I
फिर भी उनसे प्यार किया I
उनसे बिछुड़ कर उनकी खातिर,
जीने का इकरार किया I
देखा था किस शोख अदा से,
सोई उम्मीद जाग उठी I
अब ये फेरी नज़रें कैसी,
जीने से बेज़ार किया I
यूँ तो हकीकत साफ अयां थी,
प्यार के झूठे वादों की I
दिल ने, लेकिन एक न मानी,
उन पे यकीं सौ बार किया I
याद में उनके नींद कहाँ थी,
तारे गिन गिन रात कटी I
आपस में इक पल मिलने को,
पलकों ने इंकार किया I
दुनिया में 'दरवेश' न जाने,
किसकी तमन्ना ले आई I
भटकाया दर दर ले जाकर,
कूचे कूचे ख्वार किया I
No comments:
Post a Comment