किसने किसका साथ निभाया,
कौन किसी के काम आया I
दिल भर आया, आँख भर आई,
लब पे ये किसका नाम आया I
आग लगी घर बार लुटा,
पर, अपनी नज़रें थी उनपर I
बात है क्या, क्या काम है हम से,
उनका ये पैगाम आया I
जिसके बोझ से बोझिल थीं
बेज़ार थी खुद उनकी डाली I
उन काँटों से प्यार किया (क्यों),
बस हम पर ये इलज़ाम आया I
सागर छूटे, शीशे टूटे,
महशर (शोर) था मयखाने में I
साकी ने तौबा कर ली,
जब मेरे लबों पर जाम आया I
वो 'दरवेश' कि जिसने कभी
मुड़कर भी न देखा दुनिया को I
अब ये हाल कि उसके पीछे,
सुबह गया और शाम आया I
कौन किसी के काम आया I
दिल भर आया, आँख भर आई,
लब पे ये किसका नाम आया I
आग लगी घर बार लुटा,
पर, अपनी नज़रें थी उनपर I
बात है क्या, क्या काम है हम से,
उनका ये पैगाम आया I
जिसके बोझ से बोझिल थीं
बेज़ार थी खुद उनकी डाली I
उन काँटों से प्यार किया (क्यों),
बस हम पर ये इलज़ाम आया I
सागर छूटे, शीशे टूटे,
महशर (शोर) था मयखाने में I
साकी ने तौबा कर ली,
जब मेरे लबों पर जाम आया I
वो 'दरवेश' कि जिसने कभी
मुड़कर भी न देखा दुनिया को I
अब ये हाल कि उसके पीछे,
सुबह गया और शाम आया I
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