समाई नज़र में नज़र जब किसी की
नज़र जाके ठहरी नज़रों से आगे I
खुली आँख देखा जहाँ और ही था
बहार और ही थी बहारों से आगे I
हमे लग्जिशे रास आई है ज़ाहिद,
मुबारक हो तुझको तेरी पारसाई I
उठाये कदम लाख तूने संभलके,
न पहुंचा मगर वादा ख़्वारों से आगे I
गुनहगार कोई चला आ रहा है,
न दम तोड़ बैठे कहीं तशनगी से I
खुदरा कोई आज मौजों से कह दे,
बढे और पहुंचे किनारों से आगे I
हर इक मौजे तूफां को समझा किनारा,
मुखालिफ हवाओं में ढूंढा सहारा I
ताज़्ज़ुब नहीं गर हमे लेके पहुंचे,
सितारों की गर्दिश सितारों से आगे I
निगाहों में 'दरवेश' गल्ता - जुबानें,
ख़ामोशी में पिनहा कई दस्ताने I
इशारों इशारों में समझ गए वो,
न हो बात कोई इशारों से आगे I
नज़र जाके ठहरी नज़रों से आगे I
खुली आँख देखा जहाँ और ही था
बहार और ही थी बहारों से आगे I
हमे लग्जिशे रास आई है ज़ाहिद,
मुबारक हो तुझको तेरी पारसाई I
उठाये कदम लाख तूने संभलके,
न पहुंचा मगर वादा ख़्वारों से आगे I
गुनहगार कोई चला आ रहा है,
न दम तोड़ बैठे कहीं तशनगी से I
खुदरा कोई आज मौजों से कह दे,
बढे और पहुंचे किनारों से आगे I
हर इक मौजे तूफां को समझा किनारा,
मुखालिफ हवाओं में ढूंढा सहारा I
ताज़्ज़ुब नहीं गर हमे लेके पहुंचे,
सितारों की गर्दिश सितारों से आगे I
निगाहों में 'दरवेश' गल्ता - जुबानें,
ख़ामोशी में पिनहा कई दस्ताने I
इशारों इशारों में समझ गए वो,
न हो बात कोई इशारों से आगे I
No comments:
Post a Comment