Monday, 10 November 2014

अपना दिल किसको दिखलाऊं

अपना दिल किसको दिखलाऊं, इक टूटा हुआ पैमाना है I
नज़रों में है क्या बतलाऊं, मैख़ाना है मैख़ाना है I

जब तुम ही नहीं वो बात नहीं, वो बात नहीं, वो रात नहीं I
वो साज़ नहीं वो साज़ नहीं, दिल क्या है इक वीराना है I

जब शोलए हुस्न ज़रा भड़का, तब तड़पा इश्क तो क्या तड़पा I
जो शम्मा के जलने से पहले, जल जाए वो परवाना है I

रहे इश्क में खुद को मिटा डाला, घर फूंका माल लूटा डाला I
तब उसने कहा शैदा है मेरा, दुनिया ने कहा दीवाना है I

उल्फत की कहानी क्या मैं कहूँ, कोई लम्बी चौड़ी बात नहीं I
वो मेरे है, मैं उनका हूँ, दिल क्या है, इक वीराना है I

किसके क़दमों का लिया बोसा, कि ये सोज़ गले में हुआ पैदा I
'दरवेश' कलाम फकीराना, अंदाज़े बयां शाहाना है !

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