Monday, 10 November 2014

आहे-दिल कारगर हो गई

आहे-दिल कारगर हो गई, दास्ताँ मुख़्तसर हो गई I

उठ गई जिस तरफ वो नज़र, सारी दुनिया उधर हो गई I
सज रहा था मेरा आशियाँ, बिजलियों को खबर हो गई I

जल रहा था नशेमन मेरा, बदलियों को खबर हो गई I
मैंने शम्मा जलाई मगर, रोते रोते सहर हो गई I

आरजू बन गई जुस्तजू , जिंदगी यूँ बसर हो गई I
मुझको 'दरवेश' कहते हैं सब, जबसे उनकी नज़र हो गई I 

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