तेरी कायनात सरूर में, मेरे क्लब को न मिली अमां I
ये खाबो-चंग मैं क्या करूँ, है खामोश क्यों ये सरोदे जाँ I
है खिज़ा के साथ बहार भी, है तड़प के साथ करार भी I
शबे-गम की भी हो सहर कभी, ये भला नसीब मेरा कहाँ I
हमे सोज़े-इश्क ने क्या दिया, गई नींद सब्रो सुकूं गया I
यूँ तड़प-तड़प के जला है दिल, कोई लौ उठी न उठा धुआं I
ये तो जाहिद अपना नसीब है, कि मिला है वादा-नाशी में क्या I
मुझे बूँद बूँद में जिंदगी, तुझे घूँट घूँट में तल्खियाँ I
है ख़िरद को शौक बढ़े चलो, है सदाए-दिल कि ज़रा रुको I
मुझे क्या खबर कि रुकें कहाँ, मेरी जिंदगी का ये कारवां I
है कदम कदम पे रुकावटें, तेरे पास आके भी दूर हूँ I
कहीं ज़ोह्दो-तकबा कि बंदिशें, कहीं दैरो-क़ाबा है दरमियां I
है हज़ारों शम्सो कमर, मगर, न मिलेगी कल्ब को रोशनी,
दिलो-दीदा है तेरे मुन्तज़र, ज़रा बेनकाब हो शम्मे जां I
तेरी याद है मेरी बंदगी, तेरी आस है मेरी जिंदगी I
जो रज़ा तेरी वो ख़ुशी मेरी, तेरा गम है रहते-जां-विदा I
हो नसीब अर्शे-बरी उन्हें, जिन्हे आरजू है बहिश्त की I
तेरे रिन्द को मेरे साक़िया, तेरा संगे-दिल तेरा आसतां I
'दरवेश' काम सफर से है, जहाँ थक गए वहीँ रुक गए I
नींद आगई कहीं सो रहे, न तो घर कहीं न कोई मकां I
ये खाबो-चंग मैं क्या करूँ, है खामोश क्यों ये सरोदे जाँ I
है खिज़ा के साथ बहार भी, है तड़प के साथ करार भी I
शबे-गम की भी हो सहर कभी, ये भला नसीब मेरा कहाँ I
हमे सोज़े-इश्क ने क्या दिया, गई नींद सब्रो सुकूं गया I
यूँ तड़प-तड़प के जला है दिल, कोई लौ उठी न उठा धुआं I
ये तो जाहिद अपना नसीब है, कि मिला है वादा-नाशी में क्या I
मुझे बूँद बूँद में जिंदगी, तुझे घूँट घूँट में तल्खियाँ I
है ख़िरद को शौक बढ़े चलो, है सदाए-दिल कि ज़रा रुको I
मुझे क्या खबर कि रुकें कहाँ, मेरी जिंदगी का ये कारवां I
है कदम कदम पे रुकावटें, तेरे पास आके भी दूर हूँ I
कहीं ज़ोह्दो-तकबा कि बंदिशें, कहीं दैरो-क़ाबा है दरमियां I
है हज़ारों शम्सो कमर, मगर, न मिलेगी कल्ब को रोशनी,
दिलो-दीदा है तेरे मुन्तज़र, ज़रा बेनकाब हो शम्मे जां I
तेरी याद है मेरी बंदगी, तेरी आस है मेरी जिंदगी I
जो रज़ा तेरी वो ख़ुशी मेरी, तेरा गम है रहते-जां-विदा I
हो नसीब अर्शे-बरी उन्हें, जिन्हे आरजू है बहिश्त की I
तेरे रिन्द को मेरे साक़िया, तेरा संगे-दिल तेरा आसतां I
'दरवेश' काम सफर से है, जहाँ थक गए वहीँ रुक गए I
नींद आगई कहीं सो रहे, न तो घर कहीं न कोई मकां I
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